अर्थ : तंत्रशास्त्र के अनुसार वह पूजा-पाठ जो किसी विशिष्ट उद्देश्य की सिद्धि के लिए नियमित रूप से कुछ समय तक विधिपूर्वक किया जाता है।
उदाहरण :
मारण, मोहन, उच्चाटन आदि बारह तांत्रिक प्रयोग हैं।
पर्यायवाची : तांत्रिक उपचार, प्रयोग