१. संज्ञा
/ निर्जीव
/ अमूर्त
/ गुणधर्म
अर्थ : व्याकरण में वह कारक जिससे एक शब्द का दूसरे शब्द के साथ संबंध सूचित होता है।
उदाहरण :
संबंधकारक की विभक्ति का, के, की, रा, रे री आदि हैं जैसे यह राम की पुस्तक है।
पर्यायवाची :
षष्ठी, संबंध, संबंधकारक, सम्बन्ध
सहावी विभक्ती.
चा, ची, चे व चे, च्या, ची हे षष्ठीचे प्रत्यय आहेत
षष्ठी