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हिन्दी शब्दकोश से शतपर्णिकामूल शब्द का अर्थ तथा उदाहरण पर्यायवाची एवम् विलोम शब्दों के साथ।

शतपर्णिकामूल   संज्ञा

१. संज्ञा / निर्जीव / वस्तु / प्राकृतिक वस्तु
    संज्ञा / भाग

अर्थ : एक प्रकार की औषधीय जड़।

उदाहरण : बचमूल वातनाशक और कृमिनाशक होता है।

पर्यायवाची : उग्रगंधामूल, उग्रगन्धामूल, उग्रामूल, घोड़बचमूल, जीवामूल, बचमूल, बचामूल, रक्तामूल, वचमूल, वेखंडमूल, शतपर्वामूल, शतपर्विकामूल, शतपर्व्विकामूल

एक प्रकारचे औषधी मूळ.

वेखंड हे वात आणि कृमी ह्यांचा नाश करणारे आहे.
वेखंड

चौपाल

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