१. संज्ञा
/ अवस्था
अर्थ : खरे अर्थात् निर्मल, शुद्ध अथवा निश्चल या स्पष्टवादी होने की अवस्था, गुण या भाव।
उदाहरण :
सुनार सोने का खरापन जाँच कर ही उसका क्रय करता है।
आज कल षट्कर्म या शुद्धि क्रिया योग में चिकित्सा समुदाय की बहुत रुचि जगी है।
पर्यायवाची :
खरापन, पाकी, पाकीजगी, पाकीज़गी, विशुद्धि, शुद्धता, शुद्धि