अर्थ : साहित्य में अपह्रुति अलंकार का एक भेद जिसमें किसी से कही जानेवाली कोई भेद की बात किसी तीसरे या अनभीष्ट व्यक्ति के सुन लेने पर कोई दूसरी बात बनाकर वह भेद छिपाने का उल्लेख होता है।
उदाहरण :
राम जोशी जी की छेकापह्नुति वाली रचना प्रसिद्ध है।
पर्यायवाची : छेकापन्हुति