१. संज्ञा
/ निर्जीव
/ अमूर्त
/ गुण
अर्थ : किसी काम या बात से मिलने वाले सुख के कारण बार-बार वैसा ही सुख पाने के लिए मन में होनेवाली लालसापूर्ण प्रवृत्ति।
उदाहरण :
आजकल उसके पढ़ने के चस्के को देखकर सब प्रसन्न हैं।
पर्यायवाची :
आदत, चटका, चसका, लत, शौक