अर्थ : ऊष्णकटिबन्धीय सागरों में बनने वाला वह निम्नदाब तन्त्र जिसके परिणामस्वरूप वायु चारों ओर से निम्न वायु दाब के केन्द्र की ओर तेजी से ऊपर उठने लगती है।
उदाहरण :
भारत में चक्रवात मुख्यतः अरब सागर तथा बङ्गाल की खाड़ी में ६" और २०" उत्तरी अक्षांशों के मध्य बनते हैं।