३. संज्ञा
/ निर्जीव
/ वस्तु
/ मानवकृति
अर्थ : एक खिलौने जैसा साधन जिसमें कई तार, कड़ी या काठ के टुकड़े होते हैं और जिन्हें परस्पर जोड़ने या अलग करने के लिए विशेष बुद्धिबल की आवश्यकता होती है।
उदाहरण :
गोरखधंधे को सब लोग नहीं सुलझा पाते हैं।
पर्यायवाची :
गोरख-धंधा, गोरखधंधा, गोरखधन्धा, धंधारी