अर्थ : परोक्ष रूप से किसी को सुनाने के लिए जोर से कोई व्यंग्यपूर्ण बात कहने की क्रिया।
उदाहरण :
वह अपने व्यंग्य करने की आदत से बाज नहीं आती।
पर्यायवाची : आवाज़ा-कशी, ताना देना, ताना मारना, व्यंग करना, व्यंग्य करना, हँसी उड़ाना