अर्थ : जैन शास्त्रानुसार किसी परिणाम के लिए व्यग्र होने की क्रिया।
उदाहरण :
जैन साधु मृत्यु की अनवकांक्षा से उपवास रखते हैं।
अर्थ : निरपेक्ष होने की अवस्था या भाव।
उदाहरण :
साक्षात्कार लेने वालों से निरपेक्षता की अपेक्षा की जाती है।
पर्यायवाची : अनपेक्षता, अनपेक्षत्व, अनपेक्षा, अपक्षपात, उदासीनता, तटस्थता, निरपेक्षता, पक्षपातशून्यता, पक्षपातहीनता