पलास (संज्ञा)
पलाश के वृक्ष से प्राप्त लाल पुष्प।
कसेरा (संज्ञा)
काँसे, फूल आदि के बर्तन बनाने और बेचने वाला।
चींटी (संज्ञा)
एक बहुत छोटा कीड़ा जो गुड़, चीनी आदि या मीठी तथा रसीली चीजें खाता है और ज़मीन आदि में गड्ढा करके उसी में अपना घर बनाकर रहता है।
कोण (संज्ञा)
दो सीधी रेखाओं के परस्पर मिलने का स्थान।
बालूशाही (संज्ञा)
मैदे से बनी हुई एक प्रकार की मिठाई।
खाविंद (संज्ञा)
स्त्री की दृष्टि से उसका विवाहित पुरुष।
श्राद्ध पक्ष (संज्ञा)
आश्विन की कृष्ण प्रतिपदा से अमावस्या तक का पक्ष,जिसमें पितरों का श्राद्ध एवं ब्राह्मण भोजन होता है।
अतिशयोक्ति (संज्ञा)
एक अलंकार जिसमें भेद में अभेद, असंबंध में संबंध आदि दिखाकर किसी वस्तु का बहुत बढ़ाकर वर्णन होता है।
विषम (विशेषण)
जो आसान न हो।
चाँदनी (संज्ञा)
चन्द्रमा का प्रकाश।