अर्थ : ପର୍ଯ୍ୟଟନ ଆଦିର ଦୃଷ୍ଟିରୁ ଗୋଟିଏ ଅନ୍ୟ ଦୁଇଟିର ତ୍ରିକୋଣରେ ଅବସ୍ଥିତ ସ୍ଥଳ
उदाहरणे :
ପୁରୀ, କୋଣାର୍କ ମନ୍ଦିର ଏବଂ ଭୁବନେଶ୍ବରକୁ ପୂର୍ବ ଭାରତର ସ୍ବର୍ଣ୍ଣ ତ୍ରିଭୁଜ ନାମରେ ସମ୍ବୋଧିତ କରାଯାଏ
इतर भाषांमध्ये अनुवाद :
पर्यटन आदि की दृष्टि से एक दूसरे से त्रिकोण पर स्थित स्थल।
पुरी, कोणार्क मंदिर एवं भुवनेश्वर को पूर्वी भारत के सुनहरे त्रिकोण के नाम से पुकारा जाता है।