अर्थ : ସାହିତ୍ୟରେ ଏକ ଶବ୍ଦାଳଙ୍କାର ଯେଉଁଥିରେ ଏଭଳି ଶବ୍ଦର ପ୍ରୟୋଗ ହୁଏ, ଯାହାର ଅନେକ ଅର୍ଥ ଥାଏ ଏବଂ ସେଗୁଡ଼ିକ ପ୍ରସଙ୍ଗ ଅନୁସାରେ ଅନେକ ଭାବରେ ଅଲଗା ଅଲଗା ଅର୍ଥ ଦିଏ
उदाहरणे :
ମଧୁବନର ଛାତିକୁ ଦେଖ,କେତେ କଳିକା ଫୁଟିଛିରେ କଳିକାର ଦୁଇଟି ଅର୍ଥ ଅଛି, ଗୋଟିଏ ଫୁଲ ଫୁଟିବା ପୂର୍ବର ଅବସ୍ଥା ତଥା ଅନ୍ୟଟି ନବଯୌବନା ନିମନ୍ତେ ଉଦ୍ଦିଷ୍ଟ-ଏଥିପାଇଁ ଏହା ଶ୍ଳେଷାଳଙ୍କାର
समानार्थी : ଶ୍ଳେଷ ଅଳଙ୍କାର, ଶ୍ଳେଷାଳଙ୍କାର
इतर भाषांमध्ये अनुवाद :
साहित्य में एक शब्दालंकार जिसमें ऐसे शब्दों का प्रयोग होता है जिनके अनेक अर्थ होते हैं और वे प्रसंगों के अनुसार कई तरह से अलग-अलग घटते हैं।
मधुबन की छाती को देखो,मुरझाई कितनी कलियाँ में कलियाँ के दो अर्थ हैं,एक फूलों के खिलने के पहले की अवस्था तथा दूसरा नवयवना के लिए है इसलिए यह श्लेष अलंकार है।अर्थ : କୌଣସି ବାକ୍ୟ ଆଦିରେ ବ୍ୟବହୃତ ଯେଉଁ ଶବ୍ଦ, ବାକ୍ୟାଶଂ ଆଦିରୁ ଏକାଧିକ ଅର୍ଥ ମିଳେ
उदाहरणे :
ସୁବର୍ଣ୍ଣକୁ ଖୋଜି ବୁଲୁଥିବା କବି, ବ୍ୟଭିଚାରୀ,ଚୋର ରେ ସୁବର୍ଣ୍ଣ ହେଉଛି ଶ୍ଳେଷ
समानार्थी : ଶ୍ଳେଷ ଅଳଙ୍କାର
इतर भाषांमध्ये अनुवाद :
किसी वाक्य आदि में प्रयुक्त वह शब्द, वाक्यांश आदि जिसके एक से अधिक अर्थ निकलें।
सुवरन को खोजत फिरे कवि,व्याभिचारी,चोर में सुवरन श्लेष है।An ambiguity with one interpretation that is indelicate.
double entendre