अर्थ : हठयोग में मूलाधार से ललाट तक माने गए आठ कमल जो हमारे शरीर के ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र हैं जिनमें से प्रत्येक जीवन के एक अलग पहलू (जैसे - धन, प्रेम, स्वास्थ्य, रचनात्मकता आदि) से मेल खाता है और जिनमें पँखुड़ियों की संख्या अलग-अलग होती हैं।
उदाहरणे :
मूलाधार, स्वाधिष्ठान, मणिपुर, अनहद, विशुद्ध, आज्ञाचक्र, सहस्रार चक्र तथा सुरतिमल ये अष्टकमल हैं।
समानार्थी : अष्टचक्र
इतर भाषांमध्ये अनुवाद :