बेचैन (विशेषण)
जिसका चित्त व्याकुल हो या जो घबराया हुआ हो।
दर्प (संज्ञा)
अपने आपको औरों से बहुत अधिक योग्य, समर्थ या बढ़कर समझने का भाव।
अपरिमित (विशेषण)
जिसकी सीमा न हो।
मुकाम (संज्ञा)
वह स्थान जो अंत या समाप्ति पर निर्दिष्ट हो (जैसे यात्रा या दौड़ आदि में)।
कीर्तन (संज्ञा)
ईश्वर संबंधी गुणों का गाकर किया जाने वाला वर्णन या गुणगान।
बेआबरू (विशेषण)
जिसका अपमान हुआ हो।
हस्ति (संज्ञा)
एक शाकाहारी स्तनपायी चौपाया जो अपने स्थूल और विशाल आकार तथा सूँड़ के कारण सब जानवरों से विलक्षण होता है।
भावी (विशेषण)
भविष्य काल का या भविष्य काल में होनेवाला।
दानपत्र (संज्ञा)
वह लेख या पत्र जिसके द्वारा कोई संपत्ति किसी को सदा के लिए दान रूप में दी जावे।
स्तुति (संज्ञा)
किसी वस्तु, व्यक्ति, आदि या उनके गुणों या अच्छी बातों के संबंध में कही हुई आदरसूचक बात।