अर्थ : जो पाप करता हो या पाप करने वाला।
उदाहरण :
धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि जब-जब पृथ्वी पर पाप बढ़ता है,तब-तब प्रभु अवतार लेकर पापी व्यक्तियों का संहार कर देते हैं।
पर्यायवाची : अघायु, अघी, अधम, अधर्मात्मा, अधर्मिष्ट, अधर्मी, अधार्मिक, अनाचारी, अपकृष्ट, अपत, अपति, अपमारगी, अपमार्गी, अपराधी, अयाज्य, अवद्य, अवर, अवरव्रत, इतर, कलुष, कुमार्गी, नीच, पतित, पातकी, पापकर्मा, पापकर्मी, पापाचारी, पापात्मा, पापी, पामर, पाष्मा, बीभत्स, मलिन, म्लेच्छ, हीनव्रत
अर्थ : साहित्य के नौ रसों में से सातवाँ रस जो रक्त, मांस, हड्डी, चर्बी, मृत शरीर आदि जैसे घृणित पदार्थ देखकर या उनका वर्णन सुनकर मन में होने वाली अरुचि, ग्लानि एवं घृणा से उत्पन्न होता है।
उदाहरण :
वीभत्स रस का सबसे अच्छा उदाहरण युद्धस्थल के दृश्य के वर्णन में मिलता है।
पर्यायवाची : वीभत्स रस