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हिन्दी शब्दकोश से विश्वभुज शब्द का अर्थ तथा उदाहरण पर्यायवाची एवम् विलोम शब्दों के साथ।

विश्वभुज   संज्ञा

१. संज्ञा / निर्जीव / अमूर्त / ज्ञान
    संज्ञा / निर्जीव / अमूर्त / मनोवैज्ञानिक लक्षण

अर्थ : धर्मग्रंथों द्वारा मान्य वह सर्वोच्च सत्ता जिसे सृष्टि का स्वामी माना जाता है।

उदाहरण : ईश्वर सर्वव्यापी है।
ईश्वर हम सबके रक्षक हैं।

पर्यायवाची : अंतर्ज्योति, अंतर्यामी, अखिलात्मा, अखिलेश, अखिलेश्वर, अधिपुरुष, अन्तर्ज्योति, अन्तर्यामी, अर्य, अर्य्य, अविनश्वर, अव्यय, अशरीर, आदिकर्ता, आदिकर्त्ता, आदिकारण, इलाही, इश्व, इसर, ईश, ईशान, ईश्वर, ईस, ईसर, ऊपरवाला, करतार, करुण, कर्ता, कर्ता धर्ता, कर्ता-धर्ता, कर्ताधर्ता, कर्तार, कर्त्ता, क़िबला-आलम, क़िबलाआलम, कामद, किबला-आलम, किबलाआलम, ख़ालिक़, खालिक, चिंतामणि, चिदाकाश, चिन्तामणि, चिन्मय, जगत्सेतु, जगदाधार, जगदानंद, जगदीश, जगदीश्वर, जगद्योनि, जगन्नाथ, जगन्नियंता, जगन्नियन्ता, जगन्निवास, जाने-जहाँ, जाने-जाँ, जीवेश, जोग, ठाकुर, ठाकुरजी, तमोनुद, तोयात्मा, त्रयीमय, त्रिपाद, त्रिलोकपति, त्रिलोकी, त्रिलोकीनाथ, त्रिलोकेश, दई, दहराकाश, दीन-बन्धु, दीनबंधु, दीनबन्धु, दीनानाथ, देवेश, नाथ, नित्यमुक्त, परमपिता, परमात्मा, परमानंद, परमानन्द, परमेश्वर, प्रधानात्मा, प्रभु, भगवत्, भगवान, भगवान्, भवधरण, भवेश, मंगलालय, योग, योजन, वरेश, वासु, विधाता, विभु, विश्वंभर, विश्वधाम, विश्वनाथ, विश्वपति, विश्वपा, विश्वभर्ता, विश्वभाव, विश्वभावन, विश्वम्भर, विश्वात्मा, वैश्वानर, शून्य, सतगुरु, सद्गुरु, साँई, सांई

निसर्गावर सत्ता असणारी आणि त्याचे व्यवहार नियंत्रित करणारी धर्मग्रंथांद्वारे मान्य अशी सर्वोच्च सत्ता.

ईश्वर सर्वव्यापी आहे.
देव सगळ्यांचे रक्षण करतो.
ईश, ईश्वर, देव, दैवत, परमात्मा, परमेश्वर, प्रभू, बाप्पा, भगवंत, भगवान

The supernatural being conceived as the perfect and omnipotent and omniscient originator and ruler of the universe. The object of worship in monotheistic religions.

god, supreme being
२. संज्ञा / व्यक्तिवाचक संज्ञा
    संज्ञा / सजीव / जन्तु / पौराणिक जीव

अर्थ : एक देवता जो स्वर्ग तथा देवताओं के अधिपति माने जाते हैं।

उदाहरण : वेदों में इंद्र की आराधना का उल्लेख है।

पर्यायवाची : अचलधृष, अदित, अनंतदृष्टि, अनन्तदृष्टि, अनेकलोचन, अप्सरेश, अमर-राज, अमरनाथ, अमरपति, अमरप्रभु, अमरराज, अमरवर, अमराधिप, अमरेश, अमरेश्वर, अरब, अर्, अर्वण, अलकेश, आदित्य, इंद, इंदर, इंदु, इंद्र, इंद्रदेव, इन्द, इन्दर, इन्दु, इन्द्र, इन्द्रदेव, खदिर, जंभारि, तुरासाह, त्रिदशपति, त्रिदशाधिप, त्रिदशेश्वर, त्रिदिवाधीश, दानवारि, दिव-राज, दिवक्ष, दिवराज, देवराज, देवेंद्र, देवेन्द्र, देवेश, दैत्यदानवमर्दन, दैत्यारि, दौल्मि, द्युपति, पचत, पविधर, पाकशासन, पाकहंता, पाकहन्ता, पाकारि, पुरंदर, पुरन्दर, पूतक्रतु, पौलोम, बिड़ौजा, मघवान, मदनपति, महेंद्र, महेन्द्र, मेघपति, यामनेमि, युयुधान, रंभापति, रम्भापति, वज्रधर, वरेंद्र, वरेन्द्र, वलसूदन, वलहंता, वलहन्ता, वलहिष, विजयंत, विवुधेश, वृत्रनाशन, वृत्रवैरी, वृत्रहा, वृत्रारि, वृषण, वृषाकपि, वृष्णि, वेत्रहा, शंबरारि, शक्र, शचींद्र, शचीन्द्र, शम्बरारि, शाक्वर, शिखी, श्वेतवह, श्वेतवाह, सहस्रचक्षु, सहस्रनेत्र, सुरकेतु, सुरनाथ, सुरनायक, सुरनाह, सुरपति, सुरभानु, सुरेंद्र, सुरेन्द्र, सुरेश, स्वर्पति

चौपाल

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