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हिन्दी शब्दकोश से त्रयीमुख शब्द का अर्थ तथा उदाहरण पर्यायवाची एवम् विलोम शब्दों के साथ।

त्रयीमुख   संज्ञा

१. संज्ञा / सजीव / जन्तु / स्तनपायी / व्यक्ति

अर्थ : हिंदुओं के चार वर्णों में से पहले वर्ण का मनुष्य।

उदाहरण : पंडित श्याम नारायण एक श्रेष्ठ ब्राह्मण हैं।
आज का ब्राह्मण अपने कर्म से विचलित होता जा रहा है।
ब्राह्मणों की उत्पत्ति अग्नि से मानी गई है।

पर्यायवाची : अनलमुख, आग्नेय, इरेश, द्विज, द्विजपति, द्विजाति, द्विजेंद्र, द्विजेन्द्र, द्विजेश, नृदेव, नृदेवता, पंडित, बाम्हन, ब्रह्मण, ब्राह्मण, भू-देव, भू-देवता, भू-सुर, भूदेव, भूदेवता, भूमिदेव, भूसुर, महिदेव, माहन, माहनीय, मैत्र, योगचक्षु, लहेर, वर्णज्येष्ठ, विप्र, वेदगर्भ, वेदाधिदेव, शिखी, सावित्र

आर्यांच्या चार वर्णांपैकी पहिल्या वर्णातील मनुष्य.

अध्ययन आणि अध्यापन हे ब्राह्मणाचे कर्तव्य सांगितले आहे
द्विज, ब्राह्मण, भुसुर, भुसूर, भूदेव, विप्र

A member of the highest of the four Hindu varnas.

Originally all brahmans were priests.
brahman, brahmin

चौपाल

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