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हिन्दी शब्दकोश से त्रयीधर्म शब्द का अर्थ तथा उदाहरण पर्यायवाची एवम् विलोम शब्दों के साथ।

त्रयीधर्म   संज्ञा

१. संज्ञा / निर्जीव / अमूर्त

अर्थ : आर्यों का वह धर्म जो वेदों के युग में प्रचलित था या ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद में बतलाया हुआ या इनके अनुसार विहित धर्म जिसमें प्रकृति की उपासना, पितरों का पूजन, यज्ञकर्म, तपस्या आदि बातें मुख्य थीं।

उदाहरण : वैदिक धर्म को विश्व के सबसे पुराने धर्मों में से एक माना जाता है।

पर्यायवाची : त्रयी धर्म, त्रयी-धर्म, वैदिक धर्म, वैदिक-धर्म, वैदिकधर्म

चौपाल

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