अर्थ : एक बहुमूल्य पीली धातु जिसके गहने आदि बनते हैं।
उदाहरण :
आजकल सोने का भाव आसमान छू रहा है।
चैतन्य महापुरुष के शरीर से स्वर्ण जैसी आभा निकलती थी।
पर्यायवाची : अग्नि, अभ्र, अर्ह, अवष्टंभ, अवष्टम्भ, अश्मकर, अष्टापद, आग्नेय, कञ्चन, कनक, कांचन, काञ्चन, गारुड़, गोल्ड, चामीकर, ज़र, तामरस, तार्क्ष्य, त्रिनेत्र, दत्र, पुरुद, भद्र, मनोहर, मरुत्, रंजन, रञ्जन, रसविरोधक, वरवर्ण, वर्णि, वसु, शतकुंभ, शतकुम्भ, शतकौंभ, शतकौंभक, शतकौम्भ, शतकौम्भक, शतखंड, शतखण्ड, शातकुंभ, शातकुम्भ, शातकौंभ, शातकौम्भ, शुक्र, श्रीमत्कुंभ, श्रीमत्कुम्भ, सुवरन, सुवर्ण, सोना, स्वर्ण, हाटक, हिरण्य, हेम
अर्थ : सोना-चाँदी, ज़मीन-जायदाद आदि संम्पत्ति जिसकी गिनती पैसे के रूप में होती है।
उदाहरण :
धन-दौलत का उपयोग अच्छे कार्यों में ही करना चाहिए।
पर्यायवाची : अरथ, अर्थ, अर्बदर्ब, इकबाल, इक़बाल, इशरत, जमा, ज़र, दत्र, दौलत, द्रव्य, धन, धन-दौलत, नियामत, नेमत, पैसा, माल, रुपया-पैसा, लक्ष्मी, वित्त, विभव, वैभव, शुक्र, शेव
अर्थ : एक पौधा जिसके फलों के बीज बहुत विषैले होते हैं।
उदाहरण :
धतूरा भगवान शिव को प्रिय है।
पर्यायवाची : अष्टापद, कनक, कितव, चामीकर, तामरस, तीक्ष्णकंटक, तीक्ष्णकण्टक, तूल, धतूरा, धत्तूर, धूर्त, निस्त्रैणपुष्पिक, पुरीमोह, मंदार, मदनक, मन्दार, वृहत्पाटली, शंकरप्रिय, शातकुंभ, शातकुम्भ, शिवप्रिय, शिवशेखर, सुमन, सुवर्ण, स्वर्णफल, हिरण्य, हेमतरु
अर्थ : एक पहाड़ी जाति जिसकी स्त्रियाँ प्रायः वेश्यावृत्ति करती हैं।
उदाहरण :
उसे कंचन होने का बड़ा दुख है क्योंकि लोग उसे अच्छी नज़र से नहीं देखते।