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हिन्दी शब्दकोश से आकाशचारी शब्द का अर्थ तथा उदाहरण पर्यायवाची एवम् विलोम शब्दों के साथ।

आकाशचारी   संज्ञा

१. संज्ञा / निर्जीव / वस्तु / प्राकृतिक वस्तु

अर्थ : वह खगोलीय पिंड जो सूर्य की परिक्रमा करता है।

उदाहरण : पृथ्वी एक ग्रह है।

पर्यायवाची : खग, ग्रह, विहग, सारंग

सूर्याभोवती फिरणारा खगोलीय पिंड.

पृथ्वी हा एक ग्रह आहे.
ग्रह

(astronomy) any of the nine large celestial bodies in the solar system that revolve around the sun and shine by reflected light. Mercury, Venus, Earth, Mars, Jupiter, Saturn, Uranus, Neptune, and Pluto in order of their proximity to the sun. Viewed from the constellation Hercules, all the planets rotate around the sun in a counterclockwise direction.

major planet, planet

Any celestial body orbiting around a planet or star.

satellite
२. संज्ञा / समूह

अर्थ : चंद्रमा के मार्ग में पड़नेवाले स्थिर तारों के सत्ताईस समूह जिनके भिन्न-भिन्न रूप या आकार मान लिए गए हैं और जिनके अलग-अलग नाम हैं।

उदाहरण : नक्षत्रों की संख्या सत्ताईस हैं।

पर्यायवाची : उड़ु, उड़ुचर, नक्षत्र, नछत्र, सारंग

भारतीय पद्धतीनुसार, पृथ्वीला स्थिर समजून आकाशातील ग्रहांच्या फिरण्याच्या भासमान मार्गाचे सत्तावीस भाग पाडले असता त्यातील प्रत्येक भागात दिसणारा तार्‍यांचा समूह.

प्रत्येक नक्षत्राला चार चरण असतात
नक्षत्र

A configuration of stars as seen from the earth.

constellation
३. संज्ञा / जातिवाचक संज्ञा
    संज्ञा / सजीव / जन्तु / पक्षी

अर्थ : पंख और चोंच वाला द्विपद जिसकी उत्पत्ति अंडे से होती है और जो नियततापी होता है।

उदाहरण : झील के किनारे रंग-बिरंगे पक्षी बैठे हैं।

पर्यायवाची : अंतरिक्षसत्, अन्तरिक्षसत्, उड़ु, उड़ुचर, खग, चिड़िया, जिह्वारद, तपस, दिवाचर, द्विज, द्विजाति, द्विपक्ष, नभश्चर, नभसंगम, नीड़क, नीड़ज, पंखी, पंछी, पक्षी, पखेरू, पतंगम, पतंगी, पतग, पतत्रि, पतन्, पतम, पतय, पत्रती, पत्ररथ, पत्रवाज, पत्रवाह, परिंदा, परिन्दा, पर्णवी, पाँखी, पांखी, पाखी, रसनारव, विहंग, विहंगम, विहग, शकुन

पंख,चोच असलेले उष्ण रक्ताचे अंडज,द्विपाद सजीव.

भरतपूरच्या अभयारण्यात निरनिराळ्या जातीचे पक्षी आहेत
खग, पक्षी, पाखरू, विहंग, विहंगम, विहग

Warm-blooded egg-laying vertebrates characterized by feathers and forelimbs modified as wings.

bird
४. संज्ञा / सजीव / जन्तु / पौराणिक जीव

अर्थ : स्वर्ग आदि में रहने वाले वे अमर प्राणी जो पूज्य माने जाते हैं।

उदाहरण : इस मंदिर में कई देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं।

पर्यायवाची : अंबरौका, अदित, अनलमुख, अमर, अमानुष, अमृततप, अमृतबंधु, अमृतबन्धु, अमृताशन, असुरारि, आदितेय, आदित्य, ऋभु, गीर्वाण, त्रिदश, त्रिदिवेश, त्रिदिवौकस, दनुजारि, दिवौका, देव, देवक, देवता, दैत्यारि, दैवत, द्युनिवास, द्युनिवासी, नभश्चर, भट्टारक, भूतकृत, मधुप, विवुध, विश्वप्स, वृंदारक, सुचिरायु, सुर

स्वर्गात राहणारे इंद्रादी दिव्य पुरुष.

देवांनी आपल्या रक्षणासाठी शिवाची आळवणी केली
देव, देवता, सुर

Any supernatural being worshipped as controlling some part of the world or some aspect of life or who is the personification of a force.

deity, divinity, god, immortal
५. संज्ञा / सजीव / जन्तु / पौराणिक जीव

अर्थ : धर्म-ग्रंथों में मान्य वे दुष्ट आत्माएँ जो धर्म विरोधी कार्य करती हैं तथा देवताओं, ऋषियों आदि की शत्रु हैं।

उदाहरण : पुरातन काल में राक्षसों के डर से धर्म कार्य करना मुश्किल होता था।

पर्यायवाची : अनुशर, अपदेवता, अमानुष, अविबुध, अशिर, अश्रय, असुर, आशर, आसर, आस्रप, कर्बर, कर्बुर, कीलालप, कैकस, जातुधान, तमचर, तमाचारी, तमीचर, तरंत, तरन्त, त्रिदशारि, दतिसुत, दानव, देवारि, दैत, दैत्य, ध्वांतचर, ध्वान्तचर, नरांश, निशाचर, निशाविहार, निशिचर, निषकपुत्र, नृमर, नैऋत, नैकषेय, नैरृत, पलंकष, पलाद, पलादन, यातुधान, रक्तग्रीव, रक्तप, रजनीचर, राक्षस, रात्रिबल, रात्रिमट, रेरिहान, रैनचर, लंबकर्ण, लम्बकर्ण, सुरद्विष, ह्रस्वकर्ण

पुराणांत वर्णिलेले धर्मविरोधी कृत्ये करणारे देव व साधू यांचे शत्रू.

यज्ञात राक्षसांनी विघ्न आणू नये म्हणून विश्वामित्रांनी रामाला यज्ञाचे संरक्षण करण्याची आज्ञा केली
असुर, दानव, दैत्य, राक्षस
६. संज्ञा / निर्जीव / वस्तु / प्राकृतिक वस्तु

अर्थ : प्रायः सर्वत्र चलता रहने वाला वह तत्व जो सारी पृथ्वी पर व्याप्त है और जिसमें प्राणी साँस लेते हैं।

उदाहरण : हवा के अभाव में जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।

पर्यायवाची : अजिर, अध्यर्ध, अनिल, आकाशवायु, आशर, आशुग, आशुशुक्षणि, ईरण, घनवाह, जगदायु, जगद्बल, तन्यतु, तलुन, तीव्रगात, धारावनि, धूलिध्वज, निघृष्व, पवन, पवमान, पृषदश्व, पौन, प्रजिन, प्राणंत, प्राणन्त, फणिप्रिय, बयार, बयारि, मरुत्, मृगवाहन, मेघारि, वहति, वायु, विधु, वृष्णि, शार, शीघ्रग, शीघ्रपाणि, संचारी, सञ्चारी, समीर, हवा

न दिसणारे परंतु स्पर्शास समजणारे पंचमहाभूतांतील एक तत्त्व.

वायू मंद वाहत होता.
अनिल, पवन, मरुत, मारुत, वात, वायू, वारा, समीर, समीरण, हवा

आकाशचारी   विशेषण, तत्सम

व्युत्पत्ति : संस्कृतम् [ आकाश √चर् (गति) + णिनि ]

१. विशेषण / संबंधसूचक

अर्थ : आकाश में चलने या विचरण करने वाला।

उदाहरण : पक्षी नभचर प्राणी हैं।

पर्यायवाची : अंतरिक्षसत्, अन्तरिक्षसत्, आकाशगामी, आकाशचर, खेचर, नभगामी, नभचर, नभचारी, नभश्चर

आकाशात विहार करणारा व स्वभावतःच प्रामुख्याने आकाशात उडणारा.

खेचर पक्षांचा हा स्थलांतराचा काळ आहे.
खेचर, नभोगामी

चौपाल

मुहावरे भाषा को सजीव एवम् रोचक बनाते हैं। हिन्दी भाषा के मुहावरे यहाँ पर उपलब्ध हैं।